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  • श्री आत्म वल्लभ जैन सेवा मंडल सादडी (राणकपूर) की मेनेजिंग कमिटी २०२४-२७

    मुंबई। श्री आत्म वल्लभ जैन सेवा मंडल सादड़ी (राणकपुर) के त्रैवार्षिक चुनाव (2024-27) गत दिनों राजस्थान हॉल, गोरेगांव में सम्पन्न हुए जिसमे सर्व सम्म्मति से वसंत जावंतराजजी रांका के अध्यक्ष चुना गया। अध्यक्ष मनोनित होने पर वसंत रांका ने 1 सप्ताह में विचार विमर्श कर कार्यकारणी बनाने की घोषणा की थी। श्री रांका ने अपनी कार्यकारणी की घोषणा की जिसमे उपाध्यक्ष विकास पुखराजजी रतनपारिया चौहान, सचिव  श्रेणिक मोहनलालजी जैन, उप सचिव जयंत अमृतलालजी तलेसरा, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र मिलापचंदजी रांका, उप कोषाध्यक्ष अरुण मुलचंदजी संघवी साथ ही कमिटी मेंबर अंकित विमलचंदजी छाजेड, दिलीप सोहनराजजी सुंदेशा, जयराज चंदनमलजी राठौड, किशोर जयचंदजी बाफना, विजय रतिलालजी रांका, विजयराज रुपचंदजी रांका, विक्रम किरणराजजी राठौड, विरेन्द्र शांतिलालजी जोधावत, विवेक शिवराजजी रांका, भरत ओटरमलजी गुगलिया (ठाणे), प्रवीण कपूरचंदजी राठौड़ (ठाणे), राकेश कालीदासजी  रांका (मुंबई), रणजीत लालचंदजी बाफना (बदलापुर), श्रीपाल बाबुलालजी बाफना (आईपीपी), वसंत भगवानदासजी जैन (सूरत) समाविष्ट है।

  • राष्ट्रीय कवि युगराज जैन बने लॉयन्स क्लब, रानी के नये अध्यक्षलॉयन्स आई हॉस्पिटल ट्रस्ट द्वारा किया भव्य स्वागत

    रानी। लॉयन्स क्लब, रानी क्लब 2025-26 के निर्विरोध नवनिर्वाचित अध्यक्ष लॉयन राष्ट्रीय कवि युगराज बी. जैन बीजोवा के लॉयन्स आई हॉस्पिटल ट्रस्ट, रानी में पधारने पर लॉयन्स क्लब अध्यक्ष लॉयन उत्तमचंद यू सोलंकी, ट्रस्ट अध्यक्ष नवरतन सी मेहता, प्रोजेक्ट चेयरमेन घीसूलाल चौधरी, क्लब सचिव हरीश सुराणा, लॉयन सदस्य अशोक जैन, विजय मालवीय एवं हॉस्पिटल के चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर बीएल नायक, डॉक्टर महेश पटेल, डॉक्टर रमेश जांगिड़, डॉक्टर अमिता जेठवा, डॉक्टर मीनाक्षी चौधरी और हॉस्पिटल कर्मचारी गणों द्वारा लॉयन युगराज बी. जैन और उनकी धर्मपत्नी कमला जैन को हार पहनाकर बधाई देते हुए उनके यशस्वी कार्यकाल की कामना की। लॉयन युगराज बी जैन ने क्लब और हॉस्पिटल की गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाकर लॉयन्स क्लब रानी को और ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प लिया।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के WAVES 2025 विजऩ से प्रेरित होकरलाइका ग्रुप (यूके-यूरोप) और महावीर जैन फिल्म्स ने वैश्विक दर्शकों के लिए 9 भारतीय फीचर फिल्मों के निर्माण के लिए साझेदारी की घोषणा

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस मुंबई। यूके और यूरोप स्थित लाइका ग्रुप की निर्माण इकाई लाइका प्रोडक्शन्स, जिसने रजनीकांत के साथ 2.0 (2018) और मणिरत्नम के साथ पोन्नियिन सेलवन I & II जैसी बड़ी बजट की फिल्में बनाईं, तथा महावीर जैन फिल्म्स, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक मनोरंजन मंच पर भारतीय कहानी कहने की विरासत को ऊँचाई देने के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, आने वाले 3 वर्षों में 9 प्रभावशाली फिल्मों के निर्माण के लिए एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। लाइका गु्रप के चेयरमैन डॉ. अलिराजा सुबासकरण और महावीर जैन ने सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य मंत्री (सूचना एवं प्रसारण) डॉ. एल. मुरुगन से WAVES समिट में मुलाकात कर इस प्रतिबद्धता को साझा किया। सुबासकरण और महावीर जैन ने संयुक्त रूप से कहा कि भारत वास्तव में सौभाग्यशाली है कि हमारे पास एक दूरदर्शी, गतिशील और संवेदनशील प्रधानमंत्री हैं। यह सही समय है कि भारत की समृद्ध संस्कृति, दर्शन और ज्ञान को सिनेमा की भव्यता के साथ दुनिया तक पहुँचाया जाए और शक्तिशाली कंटेंट के माध्यम से और अधिक प्रेम, करुणा और एकता फैलाई जाए। उन्होंने कहा कि ये फिल्में हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रति हमारी कृतज्ञता व्यक्त करने का एक छोटा सा प्रयास हैं, जो आने वाली पीढिय़ों के लिए भारत और दुनिया को बेहतर बनाने के लिए अथक और अद्भुत कार्य कर रहे हैं। लाइका ग्रुप एक विविधीकृत बहुराष्ट्रीय समूह है, जो 23 देशों में दूरसंचार, स्वास्थ्य, यात्रा, मनोरंजन और अन्य क्षेत्रों में कार्यरत है।

  • नरेंद्रकुमार बलदोटा

    हर उतार चढाव में मजबूत रहने वाला सफल मसीहा ईश्वर द्वारा प्रदत्त हमारी प्रकृति मौसम हर परिवर्तन का सामना करते हुए सदैव जन कल्याण में लगी रहती है। उसी प्रकार जैन समाज शिरोमणी नरेंद्रकुमार बलदोटा भी जीवन की सारी मुश्किलों को दूर करते हुए समाजहित के में सदैव तत्पर रहते हैं। वे जानते हैं कि समाज ही सब कुछ है और समाज से ही हर किसी की पहचान है। अपने सिद्धांतों के प्रति समर्पित, पूरी दक्षता और निष्ठा के साथ जीवन के पथ पर अग्रसर व्यक्ति का नाम है नरेंद्र कुमार बलदोटा। जीवन के हर पड़ाव पर विकास की राह में ढेरों रूकावटें आई, लेकिन समय की शिला पर सभी रूकावटों से संघर्ष करतें हुए वे निरंतर अपनी मंजिल की तरफ बढते रहे। दरअसल नरेंद्रकुमार बलदोटा का मानना है कि सही ही हमेशा सही होता है, फिर चाहे कोई उसे माने या ना माने। और गलत सदैव गलत ही होता है फिर चाहे उसे कितना भी नजरअंदाज किया जाए। लेकिन स्थायी सफलता हमें सत्य के मार्ग पर चलकर ही हासिल होती है, इसलिए वे मानते हैं कि जीवन में अगर सफलता प्राप्त करना है तो आवश्यक है कि हम अपने बनाए सिद्धांतों पर अडिग होकर अपने पथ पर पूरी मेहनत और अटलता के साथ आगे बढते रहें। क्योंकि अपने और अपनों के सपनो को पूरा करने का यही मात्र एक तरीका है। वो स्वयं भी इसी सिद्धांत पर चलते हैं। कर्नाटक के होसपेट शहर में 27 दिसंबर 1940 को नरेंद्रकुमार बलदोटा का जन्म हुआ था। पिता अभेराजजी बलदोटा की गिनती जैन समाज के प्रतिष्ठित लोगों में होती थी। माताजी वसूली देवी एक घरेलू महिला होने के साथ साथ संस्कारों की धनी थी। छोटे से बालक नरेंद्र ने अपने माता पिता दोनों को ही सदा समाज से जुडे रहने और जरूरतमंदों की मदद हेतु सदैव तत्पर देखा और उसी रास्ते पर वो खुद भी चलने लगे। दूसरों के प्रति प्रेम और भाईचारे की भावना रखने वाले नरेंद्र बलदोटा ने जहां अपने पूरे परिवार को एकजुट करके रखा है वहीं पर समाज के हर वर्ग को वो एक साथ आगे लाने का सपना देखते हैं। दरअसल वो जानते हैं कि समाज का विकास भी तभी संभव है जब समाज को हर वर्ग प्रसन्न और संतुष्ट होने के साथ विकास के पथ पर चलेगा। सन 1963 में 26 अप्रेल को चित्रादेवी से उनका विवाह हुआ। विवाह के बाद अर्धांगिनी होने के सारे कर्तव्य पूरे करते हुए चित्राजी ने अपने पति नरेंद्र बलदोटा के हर कर्तव्य को अपना कर्तव्य समझकर पूरा किया और उनके साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलती रहीं। आज दोनो का भरापूरा संसार है जिसमें उनके दो बेटे राहुल और श्रेणिक के साथ दो बेटियां लवीना और रश्मि हैं जिनके वामा, वेद, कर्मादित्य और ज्योर्तिमय नामक बच्चे हैं। पूरा बलदोटा परिवार अपने मुखिया नरेंद्र बलदोटा के दिखाए रास्ते पर चलते हुए अपनी हर जिम्मेदारी को बडी ही तन्मयता के साथ निभा रहा है। दोनो बेटे राहुल और श्रेणिक अपने पिता के साथ उनके व्यापार और सामाजिक कार्यों में पूरा सहयोग करते देखे जा सकते हैं। कुल मिलाकर नरेंद्र कुमार बलदोटा का परिवार एक आर्दश परिवार है, जिसकी समाज के सभी लोग मिसाल देते हैं। सन 1963 में कर्नाटक के होसपेट से बी कॉम करने के बाद नरेंद्रकुमार बलदोटा मुंबई आ गए और स्वयं की सारी उर्जा व्यापार को विकसित करने में लगा दी। सन 1983 में इंडस्ट्रीयल गैसेज के वेंचर की शुरूआत की तथा 1997 में आयरन एक्सपोर्ट शुरू किया तो विंड एनर्जी की शुरूआत भी साल 2001 में कर दी। व्यापार को आगे बढाते हुए साल 2008 में शिपिंग बिजनेस भी शुरू कर दिया। इनकी गिनती देश के बडे और सर्वाधिक आयरन निर्माताओं में होती है। इनके व्यापार का विस्तार आयरन माइनिंग से लेकर इंडस्ट्रीयल गैसेज, शिपिंग और वाइंड एनर्जी के अलावा गोल्ड और भूखनिज संपदा में भी है। ग्रेटर बॉम्बे कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन बलदोटा पैसे से अधिक रिश्तों और परिवार का अहमियत देते हैं और अपने उद्योग समूह में कर्मचारियों का पूरा ख्याल रखते है और उनकी हर छोटी बडी आवश्यकताओं को सही समय पर पूरा करने का प्रयास करते है। क्योंकि नरेंद्र बलदोटा का मानना है कि कर्मचारियों से ही व्यापार का विकास संभव है और पूरा व्यापार व उससे जुडे सभी लोग एक विशाल परिवार हैं और परिवार के हर सदस्य का ध्यान रखना परिवार के मुखिया का दायित्व है। पिता अभेराज बलदोटा एक प्रसिद्ध और सफल कॉपरेटिव बैंक के संस्थापक थे और जिनका जैन समाज में बहुत बडा नाम रहा। नरेंद्र बलदोटा उनसे भावनात्मक रूप से जुडे हुए हैं। उनका कहना है कि उन्हें जीवन की उर्जा अपने पिता से प्राप्त होती है। अपने पिता को अपने जीवन का सबसे बड़ा आदर्श मानने वाले नरेंद्र बलदोटा का कहना है कि वही उनके सच्चे मित्र और पथ प्रदर्शक थे। सर्व जन सुखिनो भवन्तु के सिद्धांत पर अभेराजजी ने अपने जीवन को समर्पित कर दिया और पिता की ही तरह पुत्र बलदोटा भी उसी मार्ग पर चल रहे हैं। कई पीढियों से व्यापार से जुडे नरेंद्रकुमार बलदोटा जन्म और कर्म दोनो से ही जैन हैं। उनके हर कार्य में जैनत्व की धारा का स्पष्ट देखा जा सकता है। इसीलिए उनके बारे में कहा जाता है कि वे जैन धर्म और भगवान महावीर के द्वारा दिखाए गए रास्ते पर बडे ही गर्व के साथ चलनेवाले इंसान हैं। सभी के साथ पूरी ईमानदारी और नैतिकतापूर्ण और उचित व्यवहार रखते हैं। स्वास्थ्य और आध्यात्म के लिए दिन भर में एक घंटा अवश्य देते हैं। क्योंकि वो जानते हैं कि आध्यात्म से ही मानसिक स्वास्थ्य अनुकूल बना रहता है। वे परिवार के साथ जो भी वक्त बिताते हैं वो सभी के लिए सुखद और बेहतर होता है क्योंकि उसमें बलदोटा परिवार की खुशियां और आपसी प्यार शामिल होता है। हर परिस्थिति में स्वयं को प्रसन्न रखते हैं और दूसरों को भी यही सलाह देते हैं। नरेंद्र बलदोटा का मानना है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी सोच हमेशा बहुत विकसित, व्यापक और बेहतर रखनी चाहिए, साथ ही विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लिए भी हमेशा तैयार रहना चाहिए। एमएसपीएल के चेयरमैन नरेंद्र कुमार बलदोटा को व्यापार और समाज के विकास में योगदान के लिए अनेको सम्मान मिले है। उन्हें टीआईकॉन द्वारा साल 2015 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। साथ ही साल 2012 में तात्कालिक राष्ट्रपति के हाथों नेशनल माइंस सेफ्टी का अवार्ड तो साल 2008 में लाइफटाइम अचीवमेंट से सम्मानित किया गया। इसके पहले बिजनेस वल्र्ड फिक्की-एसईडीएफ कार्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी सम्मान 2008 में मिला। इसके अलावा जमनालाल बजाज फेयर बिजनेस अवॉर्ड भी साल 2006 में मिला। नरेन्द्रकुमार बलदोटा जैन समाज की अन्र्तराष्ट्रीय संस्था जैन इंटरनेशनल ट्रेड ओर्गेनाईजेशन जीतो के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं वे इसके प्रेसिडेंट भी रह चुके है, इसके साथ ही वे श्रवण आरोग्यम एवं जेएटीएफ के ट्रस्टी भी है, इसके साथ ही वे कई सामाजिक शैक्षणिक संस्थाओं से जुडे हुए है। नरेंद्र बलदोटा मानते हैं कि जीवन एक बहुत ही खूबसूरत सफर है जहां पर उतार चढाव दोनो ही बराबरी से आते जाते रहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने भी गीता में कहा है कि एक आदर्श पुरूष स्थितप्रज्ञ यानी समभाव होता है जिसे ना तो सफलता का गर्व होता है और ना ही पराजय की ग्लानि। ऐसे ही समभाव और स्थितप्रज्ञ आदर्श पुरूष की भांति नरेंद्र बलदोटा भी जीवन में सदैव समभाव रखते हैं। सामाजिक कार्यों में उन्होंने जो स्थायी कार्य किए हैं, उनमें मुख्यरूप से अभेराज बलदोटा केंसर डिटेक्शन सेंटर, वसंतीदेवी बलदोटा ब्लड बैंक हॉसपेट में और बलदोटा इंस्टीट्यूट ऑफ डाइजेस्टिव साइंस और ग्लोबल हास्पिटल का मुंबई में निर्माण करवाया है। और अभी भी वो रूकना नहीं चाहते हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि समाज को उनकी जरूरत है और वो जनहित में और भी कार्य करना चाहते हैं। जीवन की हर परिस्थिति का सामना पूरे समर्पित भाव से करते हैं और सही शिक्षा वो दूसरों को भी देते हैं। उनका मानना है कि जो व्यक्ति सत्य के सिद्धांत के साथ चलता है उसके जीवन में मुश्किलें तो आ सकती हैं। लेकिन वो कभी भी जीवन के गलत रास्ते पर नहीं जा सकता है। समाज में संवाद की भूमिका की जरूरत को महत्वपूर्ण बताते हुए नरेंद्र बलदोटा समाचार पत्रों को संवाद का सर्वश्रेष्ठ माध्य मानते हैं। उनका कहना है कि शताब्दी गौरव दुनिया के बड़े बड़े समाचार पत्रों की तरह बहुत साधन संपन्न न होने के बावजूद समाज को एकजुट करने, आपस में संबंधों को विकसित करने और समाज के नेतृत्व को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह सराहनीय बात है। उन्होंने शताब्दी गैरव को एक सच्चे समाजसेवक के रूप में बताते हुए कहते हैं कि इसी तरह के समाचार माध्यमों के कारण ही समाज मैं एकजुटता बनी हुई है। जीवन में जब बात पसंद की हो तो मुस्कुराते हुए बलदोटा बताते हैं कि परिवार और बच्चों के साथ समय बिताना उन्हें सबसे ज्यादा अच्छा लगता है। साथ ही उन्हें पढना पसंद है इसलिए जब भी मौका मिलता है वो अलग अलग विषयों पर किताबें पढना पसंद करते हैं। संगीत उनके मन को बांधने के साथ शांति प्रदान करता है, तो हर दिन एक से डेढ घंटा निकालकर व्यायाम भी करते हैं ताकि मन के साथ तन भी स्वस्थ रहे। अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुडे नरेंद्र कुमार बलदोटा ने ढेरों सामाजिक कार्यों और समाज के उत्थान में अपना सहयोग दिया है। वे कहते हैं कि हमेशा हमें कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। रोज कुछ न कुछ नया करो। क्योंकि जिंदगी रोज कुछ न कुछ नया करते है। फिर जिंदगी कोई रूकने का नाम नहीं है। वह तो लगातार चलती ही रहती है। तो फिर हम क्यों रुकें।

  • जीतो टाउन रिप्रेजेंटेटिव (JTR) को मिला स्वतंत्र वर्टीकल का दर्जाछोटे शहरों से वैश्विक मंच तक जीतो की अनूठी पहल

    जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) की मैनेजमेंट कमेटी ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जीतो टाउन रिप्रेजेंटेटिव (JTR ) को एक स्वतंत्र वर्टीकल के रूप में मान्यता प्रदान की है। यह निर्णय न केवल जीतो की समावेशी सोच को दर्शाता है, बल्कि टायर 2 और टायर 3 शहरों, कस्बों एवं गांवों में बसे जैन समाज को जीतो की मुख्य धारा से जोडऩे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के संस्थापक जीतो एपेक्स वाइस प्रेसिडेंट कमलेश सोजतिया हैं, जिनके नेतृत्व में जेटीआर एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। उनके साथ शरद पानोत और अशोक मेहता ने भी सक्रिय और प्रेरणादायी भूमिका निभाई है, जिससे इस अभियान को गति और दिशा मिली। जेटीआर और जेबीएन का समन्वय - छोटे शहरों में बड़े अवसर : जेटीआर के माध्यम से जहां छोटे शहरों तक पहुंच सुनिश्चित की जा रही है, वहीं जीतो बिजऩेस नेटवर्क  के सहयोग से व्यापारिक अवसरों का विस्तार हो रहा है। यह संयोजन छोटे शहरों में बड़े अवसरों की शुरुआत का प्रतीक बन चुका है। जेटीआर + जेबीएन ग्रामीण भारत में जीतो की नई चेतना जेटीआर के प्रमुख उद्देश्य और प्रभाव: लघु व्यवसायों को बढ़ावा देना : स्थानीय उद्यमियों और व्यापारियों को व्यापक नेटवर्क से जोडक़र व्यापारिक अवसर प्रदान करना। कौशल विकास द्वारा सक्षम कार्य बल का निर्माण: युवाओं और प्रोफेशनल्स के लिए स्किल डेवेलपमेंट प्रोग्राम आयोजित करना। ज्ञान-विनिमय को प्रोत्साहन:  वे बिनार्स, कार्यशालाओं और मेंटरशिप सत्रों के माध्यम से अनुभव और विशेषज्ञता साझा करना। शिक्षा से नेतृत्व निर्माण:  जीतो की शैक्षणिक पहलों में भागीदारी को बढ़ावा देना, जिससे छात्र और नवोदित उद्यमी लाभान्वित हो सकें। सेवा-भावना का विकास: सेवा के मूल्यों को बढ़ावा देते हुए स्थानीय समुदायों को जीतो की सामाजिक पहलों से जोडऩा। जमीन पर दिख रहा असर :  मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जेटीआर द्वारा स्थापित ढांच का सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। हाल ही में जिन गांवों में जेटीआर इकाइयाँ बनीं, वहाँ 5 युवाओं का चयन जेएटीएफ के माध्यम से IAS में हुआ। सैकड़ों विद्यार्थियों को छ्वश्व्रक्क JEAP (Education Loan Program) के तहत उच्च शिक्षा हेतु सहायता मिली। इसके अतिरिक्त, जीतो जॉब्स, श्रमण आरोग्यम, मेट्रोमोनी, जेआईआईएफ (इनक्युबेशन एंड इनोवेशन) एवं जीतो स्पोर्ट्स जैसे प्रोजेक्ट्स का लाभ भी अब ग्रामीण जैन समाज तक पहुंच रहा है। जेटीआर का लक्ष्य (दिसंबर 2025 तक): जेटीआर का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक 400 से अधिक शहरों में 1000 से अधिक जेटीआर इकाइयाँ स्थापित करने का है, जबकि वर्तमान में हम 184 शहरों में 404 जेटीआर इकाइयों के साथ सक्रिय हैं। भविष्य की योजना: हर गांव तक जेटीआर कमलेश सोजतिया बताते हैं कि जहां भी जैन समाज के 50 या उससे अधिक परिवार हों, वहां जेटीआर की इकाई स्थापित की जाएगी। प्रत्येक इकाई में कम से कम दो युवा और एक महिला सदस्य होंगे, जिससे समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। जीतो अब 7५ चैप्टर्स और ९ जोनों के माध्यम से देशभर में १०00 नए स्थानों पर जेटीआर इकाइयों की स्थापना की योजना बना रहा है। जेटीआर करुणा से समृद्धि की ओर जेटीआर की इस ऐतिहासिक पहल के पीछे विचार है करुणा से समृद्धि। इसका उद्देश्य हर जैन नागरिक को आत्मनिर्भर बनाना, ज्ञान के अवसर उपलब्ध कराना और समुदाय में एकजुटता को बढ़ाना है। जीतो एपेक्स वाइस प्रेसिडेंट कमलेश सोजतिया कहते हैं जेटीआर समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने का माध्यम है यह केवल एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक परिवर्तन की लहर है। जेटीआर और जेबीएन के इस संगम ने साबित कर दिया है कि जब सोच व्यापक हो और दृष्टि स्पष्ट, तो छोटे शहरों में भी बड़े सपने साकार हो सकते हैं। जीतो का यह प्रयास ग्रामीण भारत में जैन समाज के लिए एक नए युग की शुरुआत है।

  • चुन्नीलालजी चंदन (बाशा) 'शताब्दी रत्न' से सम्मानित

    शताब्दी गौरव  गच्छाधिपति आचार्य श्री राजशेखर सुरीश्वरजी महाराज, आचार्य श्री रत्नाकर सुरीश्वरजी महाराज, राष्ट्रसंत आचार्य श्री चन्द्राननसागर सुरीश्वरजी महाराज एव आचार्य श्री रत्नसंचय सुरीश्वरजी महाराज की पावन निश्रा में उनके निवास स्थान इनफिनिटी टॉवर वालकेश्वर में आयोजित एक भव्य समारोह में वरिष्ठ समाजसेवी धर्मप्रेमी चुन्नीलालजी चंदन (बाशा) को शताब्दी रत्न अलंकरण से समान्नित करते हुए नाहर ग्रुप के चेयरमेन सुखराज नाहर, विजय लक्ष्मी ग्रुप के चेयरमेन शांतिलाल  कवाड, पूनम डेवलोपेर्स के चेयरमेन माणेक मेहता एवं शताब्दी फाउंडेशन के सिद्धराज लोढा। इस अवसर पर प्लेजेंट पैलेस सन प्रमुख वीरेंद्रभाई शाह एव सांचोरी जैन संघ के सदस्यों सहित समाज के गणमान्य उपस्तिथ थे।

  • मोतीलाल ओसवाल द्वारा समर कैम्प का आयोजन

    अहमदाबाद। मोतीलाल ओसवाल सिक्युरिटज द्वारा अहमदाबाद के अपने सभी कर्मचारियो के बच्चों के लिए समर कैम्प का आयोजन किया गया जिसमें सभी बच्चों ने पेंटिग, सिंगिग एव अन्य खेलो का लुफ्त लिया। इस आयोजन से मोतीलाल ओसवाल के चेहरे पर विशेष खुशी देखी गई। उन्होंने सभी बच्चों के खेलों को निहारा। मोतीलाल ओसवाल ने इस शानदार आयोजन के लिए एचआर एवं सभी टीम को बधाई दी।

  • वी एस संभव ग्रुप को मिला रियल एस्टेट फंड रेजिंग में प्रतिष्ठित आइकॉनिक लीडर अवॉर्ड

    मुंबई। रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश बैंकिंग की अग्रणी फर्म, वी एस संभव ग्रुप ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्टता साबित की है। उन्होंने हाल ही में आइकॉनिक लीडर इन रियल एस्टेट फंड रेजिंग पुरस्कार अपने नाम किया है। यह सम्मान संभव ग्रुप की उस असाधारण क्षमता को दर्शाता है, जिसके जरिए उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश और फंड जुटाने के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वी एस संभव ग्रुप के संस्थापक और प्रमोटर वैभव जैन ने इस पुरस्कार को अपनी मेहनती टीम और अभिनेता सोनू सूद के साथ साझा किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में वैभव जैन और उनकी टीम ने इस उपलब्धि को गर्व के साथ ग्रहण किया। मुंबई में मुख्यालय रखने वाली यह फर्म देश के कई प्रमुख शहरों में सक्रिय रूप से काम कर रही है। दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में संभव ग्रुप ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। पिछले एक दशक से अधिक समय से, यह ग्रुप डेवलपर्स और व्यवसायों की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए अनुकूलित और प्रतिस्पर्धी वित्तीय समाधान प्रदान कर रहा है। संभव ग्रुप की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने अपने ग्राहकों के लिए अब तक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के फंड सफलतापूर्वक जुटाए हैं। यह आंकड़ा न केवल उनकी विशेषज्ञता को दर्शाता है, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र में उनकी विश्वसनीयता और नेतृत्व को भी रेखांकित करता है। इस अवसर पर वैभव जैन ने कहा, यह पुरस्कार हमारी टीम के समर्पण और कड़ी मेहनत का परिणाम है। हम अपने ग्राहकों की जरूरतों को समझते हैं और उनके लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस समारोह में अभिनेता सोनू सूद की मौजूदगी ने भी इस आयोजन को खास बना दिया। सोनू सूद ने संभव ग्रुप की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में इस तरह का नेतृत्व प्रेरणादायक है। वी एस संभव ग्रुप और वैभव जैन को इस शानदार उपलब्धि के लिए शताब्दी गौरव की ओर से हार्दिक बधाई। यह पुरस्कार न केवल उनकी सफलता का प्रतीक है, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश के भविष्य को और मजबूत करने का संकेत भी देता है।

  • श्री गोडवाड़ जैन जीवदया ट्रस्ट द्वारा 16 मई से शुरु हुआ गौशालाओं में हरे चारे का वितरण

    सादड़ी। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री गोडवाड़ जैन जीवदया ट्रस्ट मुख्यालय सादड़ी द्वारा पाली जिले की करीब 12000 से अधिक गौवंश के लिए 16 मई से 15 जून 2025 तक करीब 45 टन हरा चारा रोज 48 से अधिक गौशालाओ में नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाएगा। जिसकी शुरुआत 16 मई से हो गई है। श्री गोडवाड़ जैन जीवदया ट्रस्ट के संस्थापक प्रदीप राठौड़ ने शताब्दी गौरव को बताया कि सम्पूर्ण पाली जिले में गौमाता की सेवा हेतु श्री गोडवाड जैन जीवदया ट्रस्ट सदैव तत्पर है। क्षेत्र की कुछ गौशालाओ में गोवंश के लिए पीने के पानी की व्यवस्था भी ट्रस्ट द्वारा की जाएगी। हरे चारे की नियमित आपूर्ति प्रबधंन के लिये गोविंद प्रसाद व्यास, नरेश ओझा, एवं गजेंद्र सिंह राज पुरोहित अपनी स्वेच्छिक सेवाएं दे रहे है। श्री गोडवाड़ जैन जीवदया ट्रस्ट की हरे चारे की सेवा के लिये गोशाला एवं सामाजिक संस्थाएं गोविंद व्यास 9829947645 एवं प्रवीण धोका से 9821099645 पर सम्पर्क कर सकते है।

  • रवि संचेती फाउंडेशन द्वारा स्व. श्री लालचंदजी संचेती की पावन स्मृति में निर्मितखौड़ में सच्चियाय माताजी मंदिर का भूमिपूजन एवं शिलान्यास

    खौड। रवि संचेती फाऊंडेशन द्वारा स्व. श्री लालचंदजी संचेती की पावन स्मृति में श्री वल्लभ समुदाय के गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी म. सा. के शिष्य रत्न आचार्य श्री चिदानंद सूरीश्वरजी म.सा. प्रेरणा निर्मित धर्म नगरी खौड़ में ओसवाल वंश की कुलदेवी व जन जन की आस्था का केंद्र एसी श्री सच्चिायाय माताजी मंदिर का भूमिपूजन एवं शिलान्यास समारोह विधि विधान के साथ भव्य रुप में संपन्न हुआ। रवि संचेती फाऊंडेशन के रवि संचेती ने मंत्रोच्चारण के साथ भूमिपूजन किया। इस अवसर पर चंदनमल तेलीसरा, विरेन्द्रसिंह मेडतीया, महेन्द्रसिंह, बलविरसिंह, किरणसिंह चौहान, कमलेश शर्मा, अश्विन व्यास, मुकेश सिरवी, चुन्नीलाल वैष्णव, मांगीलाल ब्राह्मण, सुरेन्द्र सिंह, मनिष व्यास, ढलाराम घांची, मुलाराम चौधरी सहित भारी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे। इस मंदिर में श्री सच्चियाय माताजी के साथ सरस्वती माता, लक्ष्मी माता एवं गणेशजी के प्रतिमाएं भी होगी। ज्ञात रहे कि रवि फाउंडेशन ग्राम विकास के प्रति सदैव सजग रहा है। इसके पूर्व में भी निमला मामाजी मंदिर का निर्माण, गाव में गार्डन का निर्माण एवं समय समय पर चिकित्सा शिविर का आयोजन, जरुरतमंद लोगों को चिकित्सा उपकरण भी उपलब्ध करवाया है।

  • फालना राजस्थान की शिवानी चौधरी ने जापान में बढ़ाया भारत का गौरव15 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सांस्कृतिक कूटनीति और सुशासन मॉडल पर किया काम

    नई दिल्ली/टोक्यो। राजस्थान की युवा प्रतिनिधि फालना निवासी शिवानी सुनिल चौधरी सुपौत्री अरूण चौधरी ने हाल ही में जापान में आयोजित एक उच्चस्तरीय अध्ययन यात्रा में भाग लेकर न केवल राज्य बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया। वे 15 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थीं, जिसने जापान में सांस्कृतिक सॉफ्ट पावर, कूटनीति और सुशासन के मॉडल पर गहराई से काम किया। इस प्रेरणादायक यात्रा का आयोजन राष्ट्रीय नेतृत्व संस्थान राष्ट्रम् द्वारा किया गया था, जिसमें कई सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों का सहयोग प्राप्त हुआ। प्रतिनिधिमंडल ने जापान में भारतीय दूतावास, जापानी संसद, जाक्सा (जापानी अंतरिक्ष एजेंसी), जेट्रो (जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन), और अन्य प्रमुख संस्थानों का दौरा किया। इसके अलावा प्रतिनिधियों ने जापान की प्रसिद्ध मात्सुशिता इन्स्टिट्यूट ऑफ गवर्नमेंट एण्ड मेनेजमेंट (मात्सुशिता युनिवर्सिटी ऑफ पॉलिसी एण्ड गवर्नंस) और कई अन्य अग्रणी विश्वविद्यालयों से भी संवाद किया, जहां नीति, नेतृत्व और शिक्षा के नवाचारों पर चर्चा हुई। प्रतिनिधिमंडल ने इसे जिंगु शरनी जैसी सांस्कृतिक स्थलों का भी दौरा किया और जापानी परंपराओं, आध्यात्मिकता और प्रकृति के साथ उनके गहरे संबंध को भारतीय दृष्टिकोण से समझने का प्रयास किया। इस यात्रा ने भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक सहयोग, नीति-निर्माण और युवाओं के वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक मजबूत कदम सिद्ध किया है। शिवानी चौधरी की इस उपलब्धि पर पूरे राजस्थान को गर्व है, क्योंकि वह आज के युवाओं की वह तस्वीर प्रस्तुत करती हैं जो न केवल देश की परंपराओं से जुड़ी है, बल्कि वैश्विक मंच पर विचार और नेतृत्व में भी आगे बढ़ रही है।

  • महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई पहलुओं पर ध्यान दे रहा VNNO

    मुंबई। कहते है आज नारी किसी से कम नही, चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो। लेकिन आज भी कई क्षेत्रों में महिलाओं को मौका नही मिलता और इसी को ध्यान में रखते हुए मुंबई व भिवंडी की महिलाओं ने नारी सशक्तिकरण के उद्देश्य से वल्लभ नारी निकेतन ऑर्गनाइजेशन (VNNO) की स्थापना अंजना कोठारी द्वारा की गई व कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है व आगे भ होते रहेंगे। संस्था की निदेशक गुणवंती प्रदीप रांका ने बताया कि VNNO संस्था का उद्देश्य महिलाओं को सर्वांगीण सशक्त बनाना है, जिससे वे सशक्त परिवार, समाज और देश निर्माण में अपनी भूमिका का परिचय देने में समर्थ बन सकें। संस्था का विजऩ संस्कार, स्वाभिमान और स्वरोजगार की शक्ति को समाज के हर कोने तक पंहुचाना है। संस्था के प्रमुख कार्यों में सेमिनार्स ट्रेनिंग वर्कशॉप्स, सामाजिक अभियान, आत्मनिर्भरता से जुड़ी सभी योजनाओं का हैं। उन्होंने बताया कि VNNO संस्था की सभी गतिविधियों की जानकारी अब एक विशेष Whatsapp ग्रुप के माध्यम से साझा की जाएगी। इस ग्रुप में सम्माननीय व जागरूक सदस्यों को जोड़ा गया है व जोड़ा जाएगा। रांका ने कहा कि यह ग्रुप केवल सूचनात्मक है -जहां कोई प्रमोशनल या अनावश्यक संदेश नहीं होंगे। रांका ने कहा कि महिलाओं को शिक्षित करना उनके सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षा के माध्यम से महिलाएं अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक हो सकती हैं और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी बहुत महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से महिलाएं अपने स्वास्थ्य का बेहतर तरीके से ध्यान रख सकती हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयत्न होंगे, इससे वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकती हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकती हैं। महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें घरेलू हिंसा, यौन उत्पीडऩ और अन्य सामाजिक समस्याओं से बचाने के लिए प्रभावी कानून और सामाजिक समर्थन प्रणाली की जानकारी दी जाएगी। इन सभी पहलुओं पर ध्यान देकर हम महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं और समाज को अधिक समृद्ध और न्यायपूर्ण बना सकते हैं। संस्था के पदाधिकारियों में संस्थापक अंजना कोठारी व निदेशक मंडल गुणवंती प्रदीप राका, हेमलता जैन, रेखा सोलंकी व पूनम छाजेड़ है। VNNO संस्था महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम करती है। इनकी पहल में शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए VNNO ग्लोबल से 8788027488 पर संपर्क करें।

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