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धारावी संघ में वर्षीतप आराधना 135 से अधिक तपस्वी

  • Anup Bhandari
  • Apr 18
  • 1 min read

मुंबई। श्री धारावी राजस्थान जैन संघ में सामुहिक वर्षीतप आराधना का भव्य आयोजन 22 मार्च से जियो-जीतो प्रेरक, जैन शासन एकता शिल्पी, प्रवचन प्रभावक परम पूज्य आचार्य श्री नयपद्मसागर सूरीश्वरजी महाराजा तथा जीवो प्रेरिका, प्रवचन प्रभाविका, पूज्य, विदुषी आर्या साध्वीश्री मयणाश्रीजी महाराज साहेब की प्रेरणा से शुरू हुई हैं।आराधना में अबतक 140 आराधक जुड़ें हैं। कार्यक्रम में थाली का चढ़ावा सुरेश कुमार बाबुलालजी बागरेचा एवं राजेशकुमार चंपालालजी पालरेचा परिवार ने लिया। वर्षीतप आराधना महोत्सव में अब तक २८ मुख्य लाभार्थी बन चुके हैं। आराधना को लेकर संघ में जबरदस्त उत्साह है। अध्यक्ष महेन्द्र बागरेचा, उपाध्यक्ष प्रविण पालरेचा, सेक्रेट्री जवेरीलाल चौपड़ा, ज्वाइंट सेक्रेट्री मुकेश चंडालिया, ट्रेजरार विन्जराज भंडारी, को ट्रेजराज महावीर श्रीमाल, ट्रस्टी राकेश चौपड़ा, भावेश कितावत सहित संघ सभी सदस्य इस वर्षीतप आराधना को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। ज्ञात हो यह एक कठिन तप है, जिसे साढ़े तेरह महीने तक किया जाता है। यह व्रत, जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के लंबे उपवास का अनुकरण करता है। जैन धर्मावलंबियों का मानना है कि यह व्रत अपने कर्मों को कम करने का एक शक्तिशाली तरीका है।इस तप में एक दिन उपवास व एक दिन खाना होता हैं। कभी कभी 2 उपवास भी आते हैं।



 
 
 
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