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जीतो पुणे B2B विभाग द्वारा आर्थिक सशक्तिकरण पर संवादात्मक कार्यक्रम का आयोजनसामाजिक-आर्थिक स्तर समान होना चाहिए : डी. आर. मेहता

  • Writer: vibhachandawat1977
    vibhachandawat1977
  • Sep 28
  • 2 min read

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पुणे। आज की सामाजिक व्यवस्था धार्मिक सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए और समाज का समग्र विकास होना चाहिए। सभी का सामाजिक-आर्थिक स्तर समान होना चाहिए। जहां शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से आय में वृद्धि हुई है, वहीं यह सवाल भी उठाना जरूरी है कि क्या इंसान का मन खुश है। ऐसी परिस्थितियों में एक शुद्ध सामाजिक व्यवस्था के माध्यम से समाज का उत्थान होना चाहिए ये विचार रिझर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर पद्मभूषण डी. आर. मेहता ने जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन (जीतो) पुणे B2B विभाग द्वारा सरहद पब्लिक स्कूल, धनकवडी में आयोजित आर्थिक सशक्तिकरण के संदर्भ में एक संवादात्मक कार्यक्रम में व्यक्त किये।


जीतो के कार्यों की सराहना करते हुए मेहता ने कहा कि भारत ने जब से वैश्वीकरण को अपनाया है, यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक क्षेत्र में बड़े सकारात्मक बदलाव आए हैं। हालांकि भारत में आज भी नैतिकता की कमी महसूस होती है और नियमों के पालन में भारत पर्याप्त रूप से अनुशासित नहीं है। व्यवसायी को बाजार की परिस्थितियों का गहन अध्ययन करना चाहिए और फिर निवेश करना चाहिए, साथ ही जोखिम को लेकर स्पष्ट विचार करना जरूरी है, यह महत्वपूर्ण मार्गदर्शन उन्होंने दिया। समाज सेवा की ओर मुडऩे के अपने अनुभव को साझा करते हुए मेहता ने कहा कि जब उन्होंने समाज के लिए क्या किया, इस पर विचार किया, तो केवल प्रशंसा नहीं चाहिए थी, बल्कि काम में खुशी और संतोष मिलना चाहिए, यह समझ में आया। एक गंभीर दुर्घटना से ठीक होते हुए उन्होंने धार्मिक-आध्यात्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया, और इसी से यह प्रेरणा मिली कि समाज के लिए कुछ किया जाना चाहिए, गरीबों और विकलांगों की सेवा होनी चाहिए, और इसी विचार ने उन्हें संस्थाएं स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। इस दिशा में उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर और विकलांग व्यक्तियों को कृत्रिम अंग लगाने का कार्य शुरू किया।


प्राकृत भाषा के संरक्षण की आवश्यकता और विद्यार्थियों में भाषा और अध्ययन के प्रति रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से उन्होंने पुस्तकालय और अध्ययन केंद्र स्थापित किए, जो उन्हें मानसिक संतोष प्रदान करते हैं।


जयपुर शहर पुणे से सुंदर है, लेकिन मेहता ने पुणे को भारत का एकमात्र ऐसा शहर बताया, जहां सेवा, शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक संस्थाओं का बेहतरीन संगम देखा जा सकता है। अंत में, 87 वर्ष की आयु में मेहता ने उपस्थित लोगों को यह महत्वपूर्ण संदेश दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है; अगर आप लगातार काम करते रहेंगे, तो शरीर स्वस्थ रहेगा, अन्यथा वह खटारा बन जाएगा।


कार्यक्रम में श्री मेहता का स्वागत जीतो एपेक्स के प्रेसिडेंट विजय भंडारी, जेएटीएफ के चेयरमेन इंदर जैन, जीतो एपेक्स पूर्व प्रेसिडेंट कांतिलाल ओसवाल, पूणे चेप्टर के चेयरमेन इंद्रकुमार छाजेड, चीफ सेक्रेट्री दिनेश ओसवाल, सेक्रेट्री लक्ष्मीकांत खाबिया एवं चकोर गांधी, दिलीप जैन, रूपेश कोठारी, जयेश फुलपगर, अमोल कुचेरिया, धीरज छाजेड, सुजीत भटेवरा, संगीता ललवानी, गौरव बाठिया, शैलेश पगारिया, प्रकाश धोका, एकता भंसाली और कुषाली चोरडिया आकाश ओसवाल ने किया। श्री मेहता का परिचय वनिता मेहता ने दिया। अमोल कुचेरिया ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सेक्रेट्री लक्ष्मीकांत खाबिया ने किया।




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