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कांग्रेस में गहलोत की वरिष्ठता बरकारार

  • Anup Bhandari
  • May 21
  • 1 min read

मुंबई। पाकिस्तान युद्ध विराम के साथ ही यह साबित हो गया हैं कि राजस्थान के पूर्व मख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आलाकमान का विश्वास बना हुआ हैं। भारत - पाकिस्तान युद्ध विराम के मामले में सरकार पर सवाल खड़े करने के मामले में कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता, तीन बार मुख्यमंत्री और तीन प्रधानमंत्रियों के साथ केंद्र में मंत्री रहे अशोक गहलोत को आगे करके कांग्रेस ने, केंद्र सरकार पर तो सफलतम प्रहार किया ही, साथ ही पार्टी में गहलोत की वरिष्ठता और राजनीतिक हैसियत का भी राजनीतिक संदेश दिया। कांग्रेस में अशोक गहलोत के अलावा किसी भी अन्य नेता का राजनीतिक कद इतना बड़ा नहीं था कि उसके कहे को देश गंभीरता से ले और ट्रंप के भारत पाकिस्तान की पंचायती का ठेकेदार बनने में नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़ा माने। कांग्रेस ने गहलोत को युद्धविराम जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सवाल उठाने के लिए आगे करके एक सोची-समझी रणनीति अपनाई।

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