वरकाणा। श्री वरकाणा पाश्र्वनाथ बावन जिनालय जैन तीर्थ के ध्वजा वर्षगाँठ का कार्यक्रम जन-जन आस्था के केंद्र, महामांगलिक सम्राट राष्ट्रसंत आचार्य परम पूज्य गुरुदेव राष्ट्रसंत आचार्य श्री चन्द्राननसागर सुरीजी महाराज एवं प्रखर प्रवक्ता परम पूज्य आचार्य श्री चिदानंद सुरीजी महाराज आदि ठाणा की निश्रा में बड़े हर्षोल्लास के साथ मे संम्पन हुआ।
दोनो आचार्य भगवंतों आदि ठाणा का भव्य सौमेया वरकाणा ट्रस्ट मंडल के अध्यक्ष रमेश कोठारी के नेतृत्व में पूर्व अध्यक्ष प्रवीण लूणीया के साथ ट्रस्ट मंडल के सभी सदस्य बस्तीमल जैन, सुकन परमार, अशोक तापडिय़ा, सिद्धराज लोढा, अशोक पारेख, छगनलाल छाजेड़, अनिल खीमावत, कपूर बलडोटा, प्रवीण मेहता, भरत कोठारी, नरेंद्र परमार, प्रकाश चोपड़ा, दिलीप सुंदेशा मेहता, निर्मल ढेलरिया वोरा, मुकेश जैन, अमृत सोलंकी, दीपचंद पुनमिया, विमल सालेचा, चतुर्विध संघ, ध्वजा के लाभार्थी बेंड बाजा, ढोल नगाड़ों के साथ में भंसालीजी की समाधि स्थल से शुरू होकर मंदिरजी के प्रांगण में संपन्न हुआ। उसके बाद मंदिरजी के बाहर प्रागण में सबसे पहले दोनो आचार्य गुरुभगवन्तो के गुरुवंदन के साथ मे वरकाणा तीर्थ बावन जिनालय के वार्षिक चढ़ावे बोले गये जो ऐतिहासिक रहे। इस अवसर पर राष्ट्रसंत आचार्य श्री चन्द्रानन सागर सुरीजी ने कहा कि हमारे गोडवाड़ की राजधानी वरकाणा तीर्थ जो 1600 वर्ष पुराना है उसको जीरावला तीर्थ जैसा बनाने की जरूरत है उसके लिये जो भी मदद चाहिये में देने को तैयार हूं पर ये बनना जीरावला तीर्थ जैसा चाहिये साथ ही उन्होने कहा की हम सबको संगठित होने की जरूरत हैं। अगर हम संगठित रहेंगे तो कोई भी असमाजिक तत्व हमारा कुछ भी बिगाड़ नही सकता है। आचार्य चिदानंद सागर सुरीजी महाराज ने भी उनके विचारों का समर्थन किया एवं सभी को संगठित होने का निवेदन किया।
वरकाणा ट्रस्ट मंडल के अध्यक्ष रमेश कोठारी ने ध्वजा महोत्सव में दोनो गुरुदेवो की निश्रा प्रदान करने पर उनका आभार प्रकट किया एवं पधारे हुये सभी ध्वजा के लाभार्थी परिवार एवं सन्माननिय, गणमान्य सदस्यो का भी आभार प्रकट किया एवं साथ मे उन्होंने ये भी कहा कि पर्युषण पर्व के दरमियान हम अपने गाँव मे बहुत कम आते है। हम सबको अपने अपने गाँव मे ज्यादा से ज्यादा संख्या में आना चाहिये। ताकि हम अपने गाँव के प्रति अपना फर्ज अदा कर सके।
ठीक 12.39 के शुभ मुहूर्त में सभी ध्वजा के लाभार्थी परिवार द्वारा ध्वजा फहराई गयी। आचार्य भगवंतों ने सभी ध्वजा पर वाक्षेप किया। ध्वजा महोत्सव के दिन सुबह के कायमी नाश्ते के लाभार्थी श्रीमती सुमित्रादेवी पनालालजी वगतावरमलजी राणावत परिवार (दुजाना) निवासी एवं ध्वजा वर्षगाँठ के कायमी श्री संघ स्वामीवात्सल्य के लाभार्थी मातुश्री स्व. सुंदरबेन जवानमलजी कोठारी परिवार (खिमेल) निवासी द्वारा लिया गया। चढ़ावे लेने वाले सभी लाभार्थी परिवार का ट्रस्ट मंडल द्वारा बहुमान किया गया। ध्वजा महोत्सव के पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन जुगराज पुनमिया एवं भरत कोठारी द्वारा किया गया। एवं भक्ति की प्रस्तुति छगन गहलोत द्वारा दी गयी।
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