मुंबई। बहुत कम लोग होते हैं, जिनका जीवन दिखता तो हमारे समाज के सामान्य लोगों जैसा ही है, लेकिन वे होते सबसे अलग है। ऐसे लोगों के जीवन को गहरे से देखें तो, परोपकार और समाजसेवा उनके जीवन का आखरी लक्ष्य होता है, सुभाष खीमावत दरअसल उन लोगों में से हैं, जो सब कुछ बिना किसी स्वार्थ की भावना के, केवल समाज की भलाई के लिए कार्य करते हैं।
इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यही है कि वे दूसरों की तकलीफ कम होने पर उन्हें खुश देखकर स्वयं संतुष्ट होते हैं। गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए भी खीमावत हमेशा से चिंतित रहते हैं। इस वर्ष आपने खिमेल, रानी, बालराई, बडोद, फालना, दादाई, वेनपरा, धाणदा सहित रानी के कई आसपास के स्कुलों में नोटबुक वितरीत की। इसके अलावा आपने इस वर्ष मुंबई, भायंदर, ठाणे, भिवंडी, मलाड में भी नोटबुक वितरीत की। पूर्व में भी आपने रानी और आसपास के लगभग २० स्कुलों में नोटबुक वितरीत की थी। सेवा के इस नेक कार्य में सुभाष खीमावत के सहयोगी भंवरलाल गजराजजी खीमावत का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
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