नए भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण कदम - नरेंद्र मेहता
मुंबई। जापान की अग्रणी मेटल रीसाइक्लिंग कंपनी मित्सुई ने भारतीय कंपनी एमटीसी में बड़े निवेश के लिए अेग्रीमेन्ट साईन किया है। मित्सुई ने भारतीय कंपनी एमटीसी में यह निवेश आनेवाले कुछ ही दिनों में करेगी, जिसके बारे में मित्सुई के प्रबंधन बोर्ड ने फैसला ले लिया है। मित्सुई का मुख्यालय जापान के टोक्यो में है और एमटीसी मुंबई की कंपनी है, जिसके देश भर में 30 से ज़्यादा मेटल रिसाइकिलिंग प्रोजेक्ट हैं। इसका नेतृत्व नरेंद्र मेहता के हाथ में है। मुलत: सांडेराव (पाली) के प्रसिद्ध मारवाड़ी जैन बिजनेस फैमिली के नरेंद्र मेहता एमटीसी बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमेन व प्रबंध निदेशक हैं। इस निवेश के साथ ही भारत में एमटीसी मित्सुई की बड़ी सहयोगी कंपनी बन जाएगी। भारत के लिए इसे गर्व की बात कहा जा सकता है कि भारतीय कंपनी एमटीसी में निवेश का फैसला लेनेवाली मित्सुई ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में मुख्यालय वाली दुनिया की अग्रणी मेटल रिसाइकलिंग कंपनी सिम्स लिमिटेड में भी निवेश किया है, और टोक्यो के मिनाटो-कु में मुख्यालय वाली कंपनी एमएम केनज़ाई में भी निवेश किया है। एमटीसी के जरिए मित्सुई ने भारत सहित दुनिया भर में मेटल रिसाइकलिंग बिजनेस में विस्तार के लिए तेज कदम बढ़ाने का फैसला किया है। एमटीसी में मित्सुई इस निवेश के माध्यम से, भारत में एक रिसाइकलिंग सेक्टर में महत्वपूर्ण का हाथ बढ़ा रहा है क्योंकि भारत लगातार विकास की अपनी रफ्तार और तेज करता जा रहा है। एमटीसी बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमेन व प्रबंध निदेशक नरेंद्र मेहता ने जापान की अग्रणी मेटल रीसाइक्लिंग कंपनी मित्सुई के उनकी कंपनी में बड़े निवेश को नए भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
एमटीसी ग्रुप चार दशक से भी ज़्यादा पुराना बिजनेस हाउस संगठन है, जो आइएसओ 9001-2000, आइएसओ 14001-2004 प्रमाणित समूह है। एमटीसी ग्रुप ने अपने विश्वसनीय उत्पाद उपलब्ध कराने के साथ साथ सभी क्षेत्रों के ग्राहकों को जि़म्मेदार सेवाएं देने में विशिष्ट मानदंड स्थापित किए हैं। अपनी व्यापारिक प्रतिबद्धता, पारंपरिक नैतिकता और आधुनिक व्यावसायिक दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, एमटीसी ग्रुप ने अपने दृष्टिकोण से वैश्विक स्तर पर दीर्घकालिक संबंध बनाए हैं, उसी का परिणाम है कि जापान की अग्रणी मेटल रीसाइक्लिंग कंपनी मित्सुई ने भारतीय कंपनी एमटीसी में बड़े निवेश की तैयारी दर्शाई है। एमटीसी भारत के लौह और अलौह स्क्रैप क्षेत्र की बड़ी कंपनी मानी जाती है और इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि मेटल रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री की देश की अग्रणी संस्था भारतीय मैटेरियल रिसाइकिलिंग एसोसिएशन (MPJ) की कमान भी एमटीसी के निदेशक संजय मेहता के हाथ है तथा इसके अध्यक्ष के रूप में भी संजय मेहता अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जापान की भारत के विकास पर गहरी नजर है।
जापान यह अच्छे से समझ रहा है कि बीते कुछ सालों में भारत तेज आर्थिक विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। खास तौर से हाई-वे और हाई-स्पीड रेलवे प्रोजेक्ट सहित सडक़, रेलवे, पुल, बिल्डिंग्ज जैसा बुनियादी विकास का ढांचा भी बहुत तेजी मजबूत हो रहा है। इसके साथ ही भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी प्रोडक्शन लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत के इस विकास को जापान समझ रहा है और इसमें सबसे महत्वपूर्ण तत्व स्टील की जरूरतों को भी समझ रहा है इसीलिए, भविष्य की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए मित्सुई ने अपनी भारतीय सहयोगी कंपनी के रूप में एमटीसी से हाथ मिलाना तय किया है।
भारत में एमटीसी देश की अग्रणी मेटल रीसाइक्लिंग कंपनी है और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की गति की गहनता को जानकर देश में हो रहे आधारभूत सुविधाओं के विकास की रफ्तार में एमटीसी के महत्व को समझते हुए ही मित्सुई ने बड़े निवेश का फैसला किया है। दरअसल, जापान एक दूरदर्सी देश है, और वह जान रहा है कि भारत में विकास की दिशा तय करने के लिए स्टील की डिमांड तेजी से बढ़ेगी, जिसे पूरा करना भारतीय कंपनियों के लिए बड़े लाभ का सौदा रहेगा, ऐसे में एमटीसी कंपनी जैसी कुछ ही कंपनिया देश में है, जिनके हाथ में ये बाजार रहेगा। वैसे भी, भारत का स्टील निर्माण उद्योग का भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में बड़ा योगदान है और यह सेक्टर अपनी उत्पादन क्षमता के तेज विस्तार की योजना बना रहा है। माना जा रहा है कि लंबी अवधि में मेटल स्क्रैप की डिमांड में भी तेज वृद्धि होने के अनुमान हैं, क्योंकि यह एक रीसाइकलिंग उद्योग है, जो स्क्रैप को फिर से नए रूप में ढ़ालकर नए उपयोग के लिए पेश करता है। ऐसे में एमटीसी जैसी मेटल रीसाइकलिंग कंपनी के लिए भारत अनंत संभावनाओं का देश है, जहां मेटल की जरूरतें लगातार जारी रहेंगी।
इधर, भारत में एमटीसी बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड भी बहुत तेजी से अपने व्यवसायिक विस्तार की ओर कदम बढ़ाने के लिए अपने सभी ताकतवर नेटवर्क का सही दिशा में उपयोग कर रहा है। एमटीसी बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड ने अपने व्यावसायिक साथियों के साथ विश्वास के रिश्ते बनाये हैं। खास बात यह है कि, एमटीसी बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड ने एक्सपाइरी डेट पूरी कर चुके वाहनों के रीसाइक्लिंग क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कदम बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसमें आने वाले समय में महत्वपूर्ण वृद्धि देखने की उम्मीद है, और एमटीसी बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड का लक्ष्य एक इंटिग्रेटेड रीसाइक्लिंग कंपनी के रूप में आगे बढऩे का है. जो आने वाले समय में बैटरियों सहित वेस्ट मेटिरियल को नए सिरे से रिसाइकल करने में सक्षम हो।
भारत में बीते कई दशकों तक मेटल बिजनेस में जमे रहने की विरासत ने एमटीसी ग्रुप को मेटल निर्माण के क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया और एमटीसी ग्रुप के चेयरमेन मगनलाल मेहता के नेतृत्व में आज एमटीसी ग्रुप स्ट्रक्चरल स्टील, एल्युमिनियम इनगॉट, कॉपर ट्यूब और उच्च गुणवत्ता वाले बिलेट्स के क्षेत्र में देश में अग्रणी और एक सम्मानित नाम है। अपने प्रोडक्ट्स की सर्वोच्च गुणवत्ता के विश्वसनीय उत्पादों की वजह से एमटीसी ग्रुप की पहचान है। ग्राहकों की संतुष्टि पर निरंतर ध्यान देने के साथ, एमटीसी की विभिन्न इकाइयां सुरक्षित और गैर-प्रदूषणकारी वातावरण में नवीनतम तकनीक का उपयोग करके लागत प्रभावी उत्पादों का निर्माण करती हैं। निरंतर विकसित होते रहने के साथ साथ वैश्विक बाजार में मेटल और अन्य मूल्यवान उत्पादों के लिए अत्याधुनिक व्यापार और विनिर्माण मंच बनना एमटीसी ग्रुप का सदा से ही ध्येय रहा है, इसी कारण जापान की विख्यात कंपनी मित्सुई ने भारतीय कंपनी एमटीसी में बड़े निवेश का फैसला किया है।
जापान की सात दशक पुरानी कंपनी मित्सुई एंड कंपनी लिमिटेड 1960 के दशक से ही लौह धातुओं और कोयला जैसे क्षेत्र में कार्यरत है तथा वैश्विक स्तर पर संभावनाशील कंपनियों के साथ बाथ मिलाकर के विकास में अपनी भागीदारी दे रही है। मित्सुई ने मेटल रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में तांबा, निकल, लिथियम और एल्युमीनियम जैसे अलौह धातुओं के विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी के माध्यम से उत्पाद के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है। मित्सुई की यह ताजा पहल, मीडियम मेनेजमेंट योजना 2026 में उसकी निर्धारित प्रमुख संभावित रणनीतिक पहल में से एक है।
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